केशव प्रसाद मौर्य अपनी भूमिका से संतुष्ट नहीं थे और भूपेन्द्र चौधरी ने मंत्रियों से सवाल किया कि जेपी नट्टा का क्या हुआ.

ऐप में आगे पढ़ें

लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है. पिछले 48 घंटों में उपमुख्यमंत्री केसव प्रसाद मौर्य और भूपेन्द्र चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नट्टा से अलग-अलग मुलाकात की. नट्टा की मुलाकात के बाद बुधवार को भूपेन्द्र चौधरी ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की. कोई भी मुलाकात सम्मान से बाहर नहीं थी। एक घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में कई मुद्दे उठाए गए. इन बैठकों में एक ओर जहां पार्टी में विभिन्न स्तरों पर असंतुष्ट और असहमत आवाजों को दबाने की कोशिश की गई, वहीं दूसरी ओर बातचीत को लेकर सुझाव भी दिए गए. बताया जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी भूमिका से संतुष्ट नहीं थे.

मंगलवार शाम बीजेपी मुख्यालय में हुई इन बैठकों में केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पार्टी में एकता बनाए रखने, कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और शांति से बात करने की सलाह दी. पार्टी ने एक-दूसरे को कमजोर करने की बजाय यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब समय आ गया है कि एकजुट होकर पूरी ताकत से 2027 की तैयारी की जाए। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों नेताओं के भाषण सुने और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया.

खासकर उत्तर प्रदेश में सरकारी और संस्थागत स्तर पर कमियों को जल्द दूर करने का भी आश्वासन दिया गया. उत्तर प्रदेश बीजेपी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक दो दिन पहले हुई थी, जिसमें नेताओं ने खुलकर अपने विचार रखे और संगठन की मजबूती पर जोर दिया. साथ ही चुनाव नतीजों पर परोक्ष रूप से निशाना साधा गया. उस वक्त कई काम नहीं हो सके थे और इस संबंध में प्रदेश के दोनों नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखी है. सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश में अपनी भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं.

वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी भी कई मंत्रियों से पूछताछ कर चुके हैं. अब बीजेपी की कोशिश है कि मामले को ठंडा रखा जाए और सभी को साथ रखकर आगे बढ़ा जाए. ऐसे में सरकार के स्तर पर कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. नट्टा से मुलाकात के बाद भूपेन्द्र चौधरी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. यूपी बीजेपी नेता ने पीएम मोदी से एक घंटे तक बातचीत भी की. इसमें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के कारणों पर ही विस्तार से चर्चा की जा रही है. भूपेन्द्र चौधरी ने विफलता के लिए कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया.

Leave a Comment