पहले एक राज्य का बजट होता था, अब इसमें 2 और राज्य शामिल कर दिए गए हैं; संजय रावत ने क्या कहा?

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शिवसेना सांसद संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मोदी सरकार के आम बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”पिछले दशक में बजट से आम आदमी, किसानों और छात्रों को क्या मिला? पहले सिर्फ एक राज्य गुजरात का बजट होता था, अब इसमें दो और राज्यों को शामिल कर दिया गया है. पहली बार बजट देश की भलाई के लिए नहीं बल्कि सरकार बचाने के लिए बनाया जा रहा है।

कई विपक्षी दलों ने बजट को निराशाजनक बताया है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी कहा है कि बजट निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि बजट भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह उम्मीद हो कि सरकार महंगाई के मुद्दे से गंभीरता से निपटेगी.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किया गया केंद्रीय बजट निराशाजनक था, इसमें आम आदमी के लिए अच्छे दिनों की उम्मीद कम और निराशा अधिक है। उन्होंने ट्वीट किया, ”संसद में आज पेश किया गया केंद्रीय बजट पुराने ढर्रे पर ही चलता रहेगा और देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मजदूरों, वंचितों और हाशिये पर पड़े बहुजनों की राहत के लिए ‘अच्छे दिन’ होंगे। कुछ अमीर और धनी लोगों की “उम्मीदें कम होती हैं लेकिन कई लोग उन्हें निराश करते हैं।”

उन्होंने कहा, ”देश में भारी गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन है और 125 करोड़ से अधिक कमजोर वर्गों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार करने की इस नई सरकार की नीति और मंशा में कमी है। क्या बजट में ऐसे आवंटन से लोगों का जीवन सुखी और समृद्ध होगा?

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