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यूपी के उपमुख्यमंत्री केसव प्रसाद मौर्य ने कार्यकारिणी में दिए गए बयान को बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और लिखा कि सरकार से बड़ा संगठन है. उनके इस बयान के कई मायने हैं. बीजेपी के पूर्व मंत्री सुनील बराला ने भी एक बात बताई है. इसके साथ ही सुनील बराला ने इस बात पर भी जोर दिया है कि यूपी बीजेपी नेता भूपेन्द्र चौधरी को इस्तीफा दे देना चाहिए. एक दिन पहले ही जब भूपेन्द्र चौधरी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली गये थे, तब भूपेन्द्र चौधरी ने उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया था। भूपेन्द्र चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.
सुनील पराला सोशल मीडिया साइट पर केसव प्रसाद मौर्य का बयान “संगठन सरकार से बड़ा है” मेरी समझ से इस बयान पर संगठन की जिम्मेदारी ज्यादा है। केशव प्रसाद मौर्य का आशय यह रहा होगा कि विफलता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संगठन की ही है. इसलिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को विफलता की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
बराला ने भूपेन्द्र चौधरी पर दबाव बनाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में ऐसी परंपरा रही है. कलराज मिश्र और विनय कटिहार जैसे तत्कालीन अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया. संगठन का सच्चा कार्यकर्ता वही है जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन और पार्टी के बारे में सोचता है।
सुनील पराला के ट्वीट के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी में नए सिरे से बहस छिड़ने के आसार बढ़ गए हैं. अब तक केसव प्रसाद मौर्य के जरिए मुख्यमंत्री योगी पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है. लेकिन अब भूपेन्द्र चौधरी अपने लक्ष्य तक पहुंच गए हैं. भूपेन्द्र चौधरी की सभाओं को सबसे पहले नत्ता से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि नट्टा के साथ मुलाकात में भूपेन्द्र चौधरी ने कई मंत्रियों से पूछताछ की है. पीएम मोदी से मुलाकात में उन्होंने यूपी में बीजेपी की हार पर चर्चा की. उनके कई कारण बताए गए हैं.