ऐप में आगे पढ़ें
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2021 से अदालत और पुलिस में लंबित एक महिला वकील से बलात्कार के मामले के आधार पर मंगलवार को बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस और जंहारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के यहां छापेमारी की। इधर-उधर घूमता रहता है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक दोनों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस जांच कर रही है. इसमें इस बात की पुष्टि हुई कि ये सभी तय तारीख पर महिला वकील द्वारा बताए गए होटलों में मौजूद थे. जहां हाई कोर्ट ने मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, वहीं महिला वकील ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि ये दोनों भ्रष्टाचार और अवैध तरीके से संपत्ति इकट्ठा करने में शामिल थे. रेप मामले में इन्हीं आरोपों के आधार पर ईडी ने शुरुआती जांच के बाद सबूत जुटाने के लिए दोनों को निशाने पर लिया और छापेमारी की.
पटना, जंहारपुर, दिल्ली और पुणे में एक साथ ईडी की छापेमारी के दौरान गुलाब यादव और संजीव हंस की पहचान बिजनेस पार्टनर के रूप में की गई। सूत्रों के मुताबिक हंस की पत्नी के जरिए गुलाब यादव की बिजनेस में पार्टनरशिप है. गुलाब यादव, उनकी एमएलसी पत्नी अंबिका यादव, आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनकी पत्नी के बीच लेनदेन का भी खुलासा हुआ है. खबर यह भी है कि ईडी को संजीव हंस की पत्नी और गुलाब यादव के साथ पुणे में एक सीएनजी पंप भी मिला है. छापेमारी में दोनों को क्या मिला और इसमें क्या वैध-अवैध है, इस बारे में ईडी को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है.
महिला वकील संजीव हंस ने अपने बेटे का पिता होने का दावा किया और डीएनए टेस्ट की मांग की
ईडी की छापेमारी का आधार बने रेप मामले में महिला के वकील ने आरोप लगाया था कि 2016 में गुलाब यादव ने उन्हें महिला आयोग का सदस्य बनाने के बहाने अपने पटना स्थित घर पर बुलाया था और उनके साथ बलात्कार किया था. गुलाब यादव और संजीव हंस ने 2016 से 2019 तक पुणे और दिल्ली के होटलों में महिला के साथ बार-बार जबरदस्ती यौन संबंध बनाए। जब महिला वकील गर्भवती हो गई तो उसके बच्चे का गर्भपात करा दिया गया. जब महिला दूसरी बार गर्भवती हुई तो 2018 में एक लड़के का जन्म हुआ।
आईएएस संजीव हंस और पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव रेप मामला गहराया, HC ने तलब की जांच रिपोर्ट
गुलाब यादव और संजीव हंस के खिलाफ पुलिस केस दर्ज नहीं होने पर 2021 में एक महिला वकील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जनवरी 2023 में मामला दर्ज किया. महिला ने संजीव हंस के डीएनए टेस्ट की पुष्टि करते हुए कहा है कि संजीव हंस ही उसके बेटे के पिता हैं.