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मानसून की दस्तक के साथ ही बिहार चर्चा में आ गया है. इसका कारण यहां की नदियों पर बने पुलों का बार-बार टूटना है। यहां पिछले 15 दिनों में विभिन्न नदियों पर बने दर्जनों पुल डूब गये हैं. अब इन पुलों के पानी में बह जाने पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी राय जाहिर की है. जमुई सांसद चिराक ने कहा है कि इस मुद्दे पर जवाबदेही तय करने की जरूरत है.
समाचार एजेंसी एएनआई से इंटरव्यू के दौरान एलजेपी नेता चिराग पासवान कई बातों पर खुलकर बात करते नजर आए. बिहार में पुलों के ढहने पर चिराग ने कहा, ”जवाबदेही तय करने की जरूरत है क्योंकि राज्य में एक के बाद एक पुल टूट रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, ‘गुणवत्ता से समझौता का मतलब है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार है. गौरतलब है कि बिहार के इन पुलों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में निर्माणाधीन पुलों के ऑडिट की मांग के साथ ही कहा गया है कि कमजोर और पुराने पुलों की मरम्मत कराई जाए.
दुनिया की कोई ताकत आरक्षण खत्म नहीं कर सकती-चिराग
इस इंटरव्यू में चिराग पासवान ने और भी कई बातों पर बात की. रिलेशनशिप के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह एक नेबो चाइल्ड हैं और इस बात से इनकार नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि उन्हें चिराग पासवान का बेटा होने पर गर्व है. वहीं, जब उनसे पूछा गया कि वह बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री में से कौन सा पद चुनना चाहेंगे, तो चिराग ने कहा कि वह ‘बिहारी चिराग पासवान’ कहलाना पसंद करते हैं। आरक्षण को लेकर शिराक ने कहा, ”देश तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत आरक्षण को खत्म नहीं कर सकती. यह कोई टोल नहीं बल्कि संवैधानिक अधिकार है.
तेजस्वी से रिश्ते पर क्या बोले चिराग?
उन्होंने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ अपने संबंधों के बारे में भी बात की. शिराक ने कहा कि अगर कोई मां-बहन के बारे में बुरा बोलता है तो आप बर्दाश्त नहीं कर सकते, आपका खून खौल जाता है. इसी साल अप्रैल में राजद के तेजस्वी यादव की रैली के दौरान चिराग पासवान की मां के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था. चिराग के मुताबिक, जब तेजस्वी ने मामले पर सफाई देने की कोशिश की तो उनके बीच दूरियां बढ़ गईं.