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वे डर और लालच के कारण अवैध कारोबार करते थे. हैरानी की बात तो यह है कि ये स्कैमर्स महज 2500 रुपये खर्च करके लोगों के नंबर डिलीट कर देते हैं। मुख्य आरोपियों की पहचान आशीष और जितेंद्र के रूप में हुई है।
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